चमत्कारी मंदिर
बुटाटी धाम
आज के युग में विज्ञान ने भरपूर तरक्की की। कहीं आज भी अंधविश्वास कायम है तो कहीं लोग वास्तविक चमत्कार को भी नहीं मानते है।
वहीं बुटाटी धाम के चमत्कार जो आज के विज्ञान और चिकित्सा विज्ञान के समझ के परे है।बुटाटी धाम आज देश ही नहीं विदेश में भी पहचान बना चुका है।जिस देश को हम आज चिकित्सा के क्षेत्र में हम अग्रणी मानते है उसी देश के लोग आज यहां के चमत्कार के आगे नतमस्तक है।
बुटाटी धाम राजस्थान के नागौर जिले के बुटाटी गांव में स्थित है। नागौर मेड़ता रोड पर स्थित यह गांव मंदिर के कारण प्रसिद्ध है।मंदिर लकवा के इलाज के लिए जाना जाता है।
यह मंदिर संत चतुर दास जी महराज का है।
आज से करीब 500 साल पहले महाराज ने तपस्या की और कई सिद्धियां प्राप्त कर अपना जीवन मानव कल्याण में लगा दिया तथा अपनी सिद्धि से लकवा ठीक कर देते थे।महाराज के देवलोक गमन के बाद जिस स्थान पर समाधि है वो ही जगह आज का भव्य मंदिर है। आज इस मंदिर की परिक्रमा करने से लकवा मरीज पूरी तरह से ठीक हो जाते है।
उपचार
मंदिर परिसर में आने वाला हर इन्सान चाहे वो किसी धर्म का हो या कितना ही नास्तिक क्यों ना हो । यहां जो ऊर्जा का संचरण होता है उसी आस्था में ढल ही जाता। जब मरीज को आस्था में यकीन हो जाए तो उसका ठीक होना तय है।मरीज दूसरों के सहारे आते हैं लेकिन जाते अपने सहारे।
उपचार में दवा के नाम पर सिर्फ भभूत और परिक्रमा करवाई जाती है।
यहां सात परिक्रमा करनी होती है जो एक दिन में एक मानी जाती है।तथा सात दिन तक यही रुकना होता है।
आवास
मंदिर परिसर में विशाल धर्मशाला बनी हुई है,मरीज व उनके साथ आने वाले लोगों के रहने की व्यवस्था मंदिर प्रशासन ही करता है।
बिस्तर खाने पीने का सामान और आवास के लिए मंदिर प्रशासन हमेशा तत्पर ही।
बुटाटी पहुंचने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन मेड़ता रोड 25 की मी है मेड़ता रोड से बस द्वारा पहुंचा जा सकता है।
बस द्वारा
अजमेर - मेड़ता सिटी - नागौर - बीकानेर के बीच चलने वाली बसें बुटाटी होकर गुजरती है।
Google map link
https://maps.google.com/?q=26.898471,73.977059
Google map link
https://maps.google.com/?q=26.898471,73.977059
Comments
Post a Comment